जैन लेख संग्रह जैसलमेर | Jain Lekh Sangrah Jaisalmer

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jain Lekh Sangrah Jaisalmer by पूरण चन्द नाहर - Puran Chand Nahar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पूरण चन्द नाहर - Puran Chand Nahar

Add Infomation AboutPuran Chand Nahar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
1 8€ल0प४६ ० घ८. 1६608 05नघ। दिंशापीट8, ऋष० घर दा एलमफत्‌ 80घाट 18808. रा प्र- 1618 ६०0 0066, है. फ्रॉण्ि०ड्टा8छ95 0. [डाटा 085. 8190 फल फाट्फ्छाव्त धााप १४11] १८ प्ति क्लि चलता .2. 1 08४6 एट्ल्लरत्व्‌ वधा कल्‌ शिण्ण घाट सफा्०ठडाबूफए 0 1.1. {४0115160 ३४ २80 08९४१८८ ४०]. [आ 4. एश्द्व< 39 ( 1909 ) कते णा धट ह्लालाधा एणा० 12101641 18६ 0 रिश्एपध्लाठ कप घाट (्टए्8९त्‌ श्वाध्ठण ५ (०. 2०45 ८ 71218 सत्‌ 21110४८8 0 र शएप18 0 क्षण (0०४८ ( 10920 ) ` 40९ रजपाा€ (न्क्ाह फिर घुफ़्टाताटट8 दाः चाट प्ट 5011६ ~ (1) धल तर्प्य 0०६९७, (2) प्71€8 07 50प्दालाहण8 त्‌ पण एद (8) 5६ ० नुक 800 ०६५३9, (५ ) ४९8 ० हदते काप पडा: भं वलाका) ( 5) 18८८8 जा ०0096टाध101 &:0.. छिघघते अआ पष्ट श्ट 015. 7१८86 धरएृलाफात्ठछ कता ४८ रगपात्‌ रत पञ्दपा 0 कटलिलात्ट, वल एतिटड ०६ पाट प] धवा श्ल कत्‌ छलः प्लष्ठ पात सञ [8६४८ टला [कृत्तं आपत्‌ [ञ्य तआ धात) एष्णलः 1४८69 प ४06 प८६६, 1 ५० अपल्ललङ ॥0€ प घाट व्माल्ल्त्मा स्मा ए८ छत]का९ | ०६9. 9्हा उप प्व पत ०४४७।१६. | मैडहि; 10 ज्र. जारा01 वषम, | ` (0) 6/0 90, 7. €. ५९.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now