प्राकृत - व्याकरण | Prakrit Vayakarana

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Prakrit Vayakarana by मधुसूदन प्रसाद मिश्र - Madhusoodan Prasad Mishr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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षृ ~ न भथा 9 ~+ श ( ११ ) चक्रवाक आदि चे बातचीत करते हृष्‌ महाराष्ट्री ओर अपश्चराकाभी प्रयोग किया है । चौथे अङ्क के ६, ११, १४, १९, २०, २४, २८, २९, ३५, २६, ४१, ५३, ५४, ५९, ६६, ६८, ७१ ओर ७५ संस्यावाछे शोको को महारष्टरी तथा १२, ४३, ४५, ४८ ओर ५० संख्यावाछे श्छोको को जपञचंश्च माषा से कहते दै ! यथा-- राजा--“मम्मररणिअमणोहरए; कुसुमिअतरवर पक्नविए । दद्भाविरहुम्मादजञोः; काणण भमइ गददंदओ ॥' [ मम॑ररणितमनोहरे कसुमिततस्वरपश्चविते । द्यिताविरहोन्मादितः कानने आरमति गजेन्द्रः ॥ | (-विक्र० ४।३५ ) हउ पद पुच्छिमि अर्खदहि गवर; रुङिजपहारे णासिथतरवर्‌ । दरविणिजिअ-ससहसर्कन्ती, द्री पिअ पद्‌ संमुह-जन्ती ॥ [ अहं स्वां पच्छामि आचच्छ गजवरः; लकितप्रहारेण नाशित तस्र 1 दूरविनिर्जित-शशधर-कान्तिृ्टा प्रिया खया संमुखं यान्ती ॥ ] पिछले पृष्ठ कै व्र्भित दौर्नो श्लोक करमशः महाराष्ट्री जौर अपश्रं्च भाषा के हैं । । कन्घुकी की बोली संस्कृत भाषा में पाई जाती है । इसका पाठ. अभिन्ञानशाङुन्तरु, विक्रमोववंशीय, उत्तररामचरित, प्रतिमा, सुद्रा- राक्षस, माठविकाशिमित्र तथा वेणी-संहार आदि नाटकों में आया है । अतीहारी, चेरी, तापसी जादिकी वोली शौरसेनी में है । ये पात्र... प्रायः सभी नाटकों में आये हैं । दौवारिक की भाषा भी शौरसेनी ही. ...« : पाई जाती है। परन्तु कंसवध में हेमाज्नद नाम के एक दौवारिक ने... . '.... : , . एक स्थान पर एक श्लोक संस्कृत में भी कहा हैं। सुभद्वाहरण, , `; ;-.. “ ` अभिज्ञानशाङन्तर आदि अनेक नारको मँ दौवारिक का पाट है! 0 . . ,. . अभिज्ञानदाकुन्तल में रक्षियों ( सिपाहियों ), . घीवर १ ` -शङुन्तखा के पुत्र की ; -चारुदत्त में... दाकार. की; , खच्छुकरिक में ':झकार; `. चेट, ` चवदन्त. के पुत्र, संवाहक. ओर भिद्ध-की ; वेणीसंहार मै राकसः `; ओर 4 कि




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