वार्णी वाणी - भाग 2 | Varani Vani Bhag 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : वार्णी वाणी - भाग 2 - Varani Vani Bhag 2

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about विद्यार्थी नरेन्द्र - Vidyarthi Narendra

Add Infomation AboutVidyarthi Narendra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
{११1} जीके १६ पद्यासे बर्गीवाएी (भ्र भार द्विनोय सप्र ) में पेवल ७ प्र प्रमाग दी घाक्य मने खव मद्वि स्िर। ३०८ पष पूरी धुम्नस्की साम्नो या भमोल याफ्यर्लन भ्रीमगननी 1-311-11. ! ्रमुन भागम सो ग सामप्रीके आधार वे दै-- १-यर्ीतीम ७ वर्प दैनन्द्िपी ( दायरी } एय रमति पुस्तिका । #-मेरी जीवन गाथा 1 च --मूग्यठी म्त्लक 1 इसके से पूज्य थी यर्णी ली मे चरणेमे ैठर्र पुग परिष्यार क्रिया गया दै1 ० यैन प्रमातमें प्रफाशित लेख #-ओ मा० परमेप्ठीदासपी द्वारा लिपियद्द रिये गये इस यपके सागर 'पातुर्मासक प्रयचप । इ--पर्णीची ह्ाग लिखें गये पत्र छ-समय समयपर मेरे द्वारा लिये गये उनके भाषणोंते उद्धरण 1 अत निनसे जो साममी प्राप्त हुई उनका मैं 'ाभारी हूं । सषरुनन ण्य सम्पादन समो शा्यमिं श्रीमान्‌ पूज्य १० एुलनदरजी सिद्धान्तशाम्नी महोदये न्यायं पूरा पूण म योग द्विया हे पुम्नम् यद्‌ मन्य स्य रन्दीरी सुपारा कता । यद्वि पन्पदुन्मे क मनना प्राप दुं हे तो यष उम पूषयगुक मण्डररे प्रसादसे जो पूज्य गुरुवर्य सद्दोदय श्रीमान प० मुकुल्द शाक्नीनी सिस्ते, सादित्याचाय, श्रीमान्‌ प० बैसाशयन्द्रसी मिद्धान्तगाख्री, श्रोमान्‌ प, द्वनेन्द्रयती मिध सादिस्यापाय श्रीमान प० थटरशयजी सिले. सादित्याचार्य ण्य भीमाः भरो ठाइर राममूर्ति सिंहपी ण्म० ए०, एल? टी० काथी, शीमान्‌




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now