सप्त व्यसन परिहार | Sapta Vyasan Parihar

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Book Image : सप्त व्यसन परिहार  - Sapta Vyasan Parihar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१ चपर व्यसम्‌ परिहर & । 1 1 ति क `, 1 १ 1220 कान कक दाननदिगनय ना नि श क पहिला व्यसन च्रं क फिसी चीज पर णत्त न्मा दारमी फा चेल गेना वर्धो? (ल णफाषण्ड) फह्म जाता दै-फीचर, पौनी चूजा चोर्र नास रे प्स त्रि, पाटला प्रौग योदोकौरेसमध्यारिवैनेव्गानाया खाना मयर जू्थों में घुमार है । 'ढोटरी, सोना, नादी, स, यनसौ शमादि सा ग) रोग भाग्य परीक्षा और व्यापार म गिनतें ४ यर बिसी अंश में यर थी ज््मों ङ्घ ना सकना है | जृ के उप्य में इनशाप इतना गन्ना ने जता है फिज्यों प्यों हार्ता है त्यों त्थों दूना खेलना है, पैसे पूरे हो जाने के वाद पकान गिरो रा देता है, गी के जेपर 'य्ीर यदियां एख देव देवा है, यराँ पर हि खाने पीने पे परनन भीर झन्य चीज को भी फरीक्त धर देताटे श्वर ग्लो सदी इनन मी छाग रूगा देता है भाप भेनमयान पे त्यान्‌ दरं पानव नायने परौ भृल में मिगा देता ई। पुराने जपाने में प/ण्डद और नन पना पष सह जू्ों खेरे फि घपनी सी द्रोपरी औीर दसयती को हार




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