विचार ज्योति | Vichar Jyoti
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ३
श्रौर श्राजभी वह् घारा रुकी नहीं है! भगवान महावीर,
महात्मा बुद्ध, राम-इप्ण श्रादि महपियो ने गम्भीरता से इस
गहन श्रात्म तत्व वा श्र वेपण किया है । वहीं चिन्तन झाज
हमारे पथ मे प्रकाश विखेर रहा है ।
श्रवदय हो धम भिन्न निन्त है! विचार भी पृथक् पृथक् ह|
वित्तु पिर भी प्रत्येव घम की विचार घारा मे झ्रात्मा के सुस
दु्, पाप पुष्य के विपय में प्रश्न उठाये गये हूँ । मुस्लिम घम
का ही विचार कीजिए-- 9
थत्ता रुरोतत बपा थी, राहु मौला से दिया क्या है ?
यहाँ से भाष्थ्त के चाहत सोदा लिया दया है हे
पहिए व्या दिया है श्रापन मौला की राहु मे?
परमेश्वर के पथ मे श्रापने क्या सैरात वी है, घया दान दिया
हैं? प्रापने मल्यु मै पश्चात श्रपने जीवन वे लिये वया सौदा
हिया है ? बया तयारी वी है? बुछ दिया भी है श्रयवा
नही
श्रौर भी देखिए--
छो पूजाय _ मशहूर में वे ये हाल है तेरे,
झगर बुछ साथ जायेंगे नेवी बदी माल हैं हेरे ।
ता क्या कुछ नहीं जायगा साथ ? बेवल नेवी श्रौर वदी
-जोभी मनृप्यकरे, वटी साय जायी? तव क्याकरना
चाहिये हमें
रुपप्ट हैं कि मेतिय जीवन यापन वे लिए ही यह उपदेश
मुमलिम घम मे दिया गया है । इस उपदेश का हृदयगम बरवे
मउुप्य का सच्चा रास्ता सोजना चाहिए ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...