मौर्य साम्राज्य का इतिहास | Maurya Samrajaya Ka Itihash

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Maurya Samrajaya Ka Itihash by सत्यकेतु विद्यालंकार - SatyaKetu Vidyalankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३ व्यवसाय ओर उद्योग । व्यापार । ० ९८७ ९1 दासप्रथा। मुद्रापद्धति । दी 3) सूद पर उधार देना । ८) नगर और ग्राम । बारहवां अध्याय--सामाजिक दशा (१) समाज के विभिन्न वर्ग । ) विवाह तथा स्त्रियों की स्थिति । ) चार आश्रम । (४) गणिकाएं और रूपाजीवाएँ । ) ) ~~ ~~ ~~ ~~~ ~~~ ~~ ~~ ८ ५ तमाशे तथा आमोद-प्रमोद । सुरा, पानगृह ओर यतलालएं । (3) वस्त्र, प्रसाधन और भोजन । तेरहवाँ अध्याय--धघामिक सम्प्रदाय और विश्वास (१) नये घामिक सम्प्रदाय । (२) वैदिक घर्मे । (३) विश्वास ओौर तन्त्र-मन्त्र चौदहवां अध्याय--तेन्य संगठन और युद्धनीति (१) सेना का संगठन । (२) सैनिक उपकरण और अस्त्र-दास्त्र (३) युद्ध के विविध प्रकार और व्यूटरचना । पन्‍्द्रहुवाँ अध्याय--चन्द्रगुप्त मौयें की मृत्यु और राजा बिन्दुसार का शासन ' (१) चन्द्रगुप्त का अन्तिम समय । (२) घोर दुभिक्ष । (३) राजा विन्दुसार का शासन । सोलहुवाँ अध्याय--राजा अशोक का ज्ञासनकाल (१) अशोक का सिहासनारोहण । (२) राज्यविस्तार। अश्लोक के साम्राज्य की सीमा और विस्तार । {वदेदी राजाओं के साथ सम्बन्ध अनोक का लासन । ~~ ~~ ~ ५८ ^+ ~^ = र नं ) ) ) पको, शिल्पियों और व्यापारियों के संगठन । ) ) ११ ८२७ ट




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