चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ | Chandabai Abhinandan Granth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34 MB
कुल पष्ठ :
732
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रकादाकतौय
(१) झमिनन्दन
(२) जौन दर्शन
(३) साहित्य भौर कला
(४) इतिहास भ्रौर पुरातत्त्व
(५) विहार
(६) समाज-सेवा
(७) नवनिर्माण
(८) विव सस्कृति श्रौर नारी
यह रूपरेखा मुद्रितकर, इसके श्रन्तगेत विषयो को निर्धारित कर विद्वानो को मजी गयी । कुछ
लेख भ्राये । इसी सिलसिले मे बहुत से लेख खो दिये गये । इस कायं से सम्पादको की निजी व्यरतताश्नो
ने उन्हें खीचा तो भी जो कुचं उन्होने किया, वह् स्तुत्य है ।
ग्रन्थ के प्रकाशन में देरी हुई । भ्रनेक स्थलों से इसका कारण पूछा गया । हमने श्रपनी
विवदता प्रकट की । फिर हमको इससे धैर्य श्रौर चेतना मिली भ्रौर हम “करेगे या छोड़ देंगे” का झदम्य
सकल्प कर इस काये मं जुट पड ।
विद्वानों की राय से सम्पादक-मण्डल मं केवलं महिलाएं ही रखी गयी जो मान्य रूप में ग्रन्थ
की श्रन्तिम सम्पादिका रही । इस मडल ने सारे प्राप्त प्रौर भ्नूदित्त लेखो की रूपरेखा सजायी जिससे
किसी प्रकार की ऋटि न रहने पावे । पीछे से कुछ लेख भी भाये । सभी गणमान्य सउ्जनों ने अपनी
श्रद्धाजलियाँ भेजी । अर्थ के सभी विभाग इन उपयोगी सामग्रियों से पुर्णता का दावा करने लगे ।
श्रीर अपने परिवाित श्रौर परिण्छृतं रूप मं प्रन्थ सितम्बर १६५३ मे पटने मे छुपने गया 1
तत्परता मे जो कच्छ सुन्दर असुन्दर बनं पडा वह श्रापके सामने है ।
सभी सहायता प्रदान करनेवाले साधुवादाहं हं 1 एक लम्बी भवधि तक प्रकारन रको रहा
इसका हमे हाद्कि दुख है ।
आशा है यह ग्रन्थ साश्री न्र० पं ० चन्दावाई जी का उचित श्रभिनस्दन करने में समर्थ हो सकेगा ।
चाहा = = ~~ [8 ए य~~
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