अन्जली | Anjali
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी - Padumlal Punnalal Bakshi
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हनुमन्त सिंह - Hanumant Singh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शाइ--(उठ कर) रमलणो ! तुम कौन हो ?
रमणो- मैं भगवान् सोमनाथ को दासो ह ।
शद-- क्या तुमने हम लोगों को सब बातें सुन लों ?
रमणो- हां ।
शाह--बताओ तो हम कोन हैं ?
रमणो--आप गुल्जर के घोर शतु हैं।
शाह--(इंस कर) रमणो, तुमने: भल को हे, इम
काश्मौर के वणिक्हेैं।.....
रमणो--नह्नों साहब, मैं भ्रूलतो नहों ह । आप सुलतान
महसूद के भ्त्राट-पुत्र शाइज़ादे हैं और ये रुस्तम ।
शाह जमाल चमक उठा । सुख मलोन छो गया । वह
मणो--नहीं साहब, मैं अकेलो छू ।
शह जमाल--तुम एक रूपवतो रमणो हो। फिर भो
अकेलो यो फिरतो हो
रमणो- कुछ आखय कौ बात नहीं डे । गुज्जर खाधोन
देश है। यहाँ हिन्दू बसते हैं।. पर-स्त्रो और पर-कन्या को
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