महावीर वाणी | Mahaveer Vani
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.45 MB
कुल पष्ठ :
383
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीचन्द रामपुरिया - Shrichand Rampuriya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय-सूची १ अनुत्तर मगल १-७... ५ू धर्म ४१-४५ १ नमोकक््कारों १ १ दस धर्म ४१ २ चत्वारि मगल १ २ धर्म-स्थित ४३ ३ पंच परमेष्ठी स्वरूप २ ३ आत्मार्थ परार्थ ४४ ४ पच परमेष्ठी भक्ति २ ६ कामभोग ४६-५३ २. उपदेश प.-१६ १ काममोग ४६ १ मा पमायए ध २. मृगतृष्णा ४६ २ असंस्कृतम् १० ७ विनय पु्-पुदु ३ रत्नत्रय का आदर करो... १२ १ विनय . मानसिक वाचिक ४ धर्म ही त्राण है १४ कायिक पूष्ठ ३ आत्मा बध और मोक्ष. १७-२६ २ विनय के पाँच भेद पुपू १ आत्मा १७ ३ विनय धर्म का मूल पु २ आत्मत्रय कद ४ विनीत-अविनीत पद ३ बहिरात्मा २० ८ शील ६०-६३ ४ स्वद्रव्य परद्रव्य २१ १ शील बनाम ज्ञान ६० पू बघ और मोक्ष २२ २ शील-महिमा ६१ ६ बंधन और आत्मबोघ २पू ३ कुछ शील ६३ ७ आत्म-जय . परम जय... २६ ४ दुशील की गति घ४ ८ आत्मा रक्षित और ६ भाषा-विवेक ६५-६६ अरक्षित २७... १० अनुस्रोत-प्रतिस्रोत ६७-६८ ६ आराध्य और शरण ११. विजय-पथ ६६-८४ आत्मा ही २६ १ रहस्य-भेद ६६ ४ दुर्तभ संयोग ३०-४० २. तृष्णा-विजय ७१ १ परम अग ३० ३ काम-विजय ७३ २ ज्ञान और क्रिया ३२ ४ मन-विजय ७४ ३ सयम और तप ३४ प् इन्द्रिव-विजय 9६ ४. त्रिरत्न ३७ ६ कपषाय-विजय ८ ५ समायोग ३८ ७ इन्द्रिय-कषाय-विजय पड़े
User Reviews
No Reviews | Add Yours...