भाषण-सम्भाषण | Bhashan-Sambhashan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)क्यों बोले १
২ ৬৮৯৮৮
लगा । लोगों ने उसे रोका पर न माना। फिर जमीन 4
उसके ऊपर एक गदा रख दिया श्रौर उस पर दो-तीन श्रदिमी ददः
ইউ । चिल कव माननेवाला था । वह उठ बैठा और फिर बोलने
लगा । हिब्लर खूब बोलता था। रोज आठ-दस सभाओं तक में
भाषण दे आता था। सुर्सोलिनी के बारे मे कहते हैं कि रात को वह
बिस्तर में पड़े-पड़े दूसरे दिन के भाषण को तैयार करता था। कभी-
कमी बड़बड़ा उठता था | उसको माँ समझती कि उसे कोई बीमारी
हो गई है। मुस्तफा कमाल पाशा १६२७ में लगातार ६ दिन तक
का
प्रति दिन ७ घंटे के हिसाब से बोलता रहा।
सफल वक्तारो काला कारय-क्रम रहा है। क्या आप भी सफल
वक्ता बनना चाहते हैं ? आप का कार्यक्रम क्या है ?
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