ग्वालियर राज्य में अभिलेख | Gwaliour rajya ke abhilekh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(ॐ 9
तिथिद्दीन अभिलेखों में कुछ तो तिथियुक्त अभिलेखों से भी अधिक महत्त्व
के हैं। उनमें अनेक ऐसे है, जिनमे किसी शासक या अनन्य इतिहास मे ज्ञात
व्यक्तियों के नाम आये हैं । अनेक ऐसे भी हैं; जिनमें राजाओं के शासन के वर्ष
दिये हुये हैं । इनमें कुछ शासकों या व्याक्तियों का समय ज्ञात है, कुछ के विषय
में कुछ भी ज्ञात नहीं। अतएब यह संभव नहों हुआ कि इन्हें काल-कमत में रखा
जा सकता | अतः इन अभिल्लेखो को पहले तो भ्राप्ति-स्थान के जिलों के अनुसार
बाँटा गया । जिल्लों को अकारादि क्रम में लिखकर फिर उनके श्राप्ति-स्थान के
अकारादि क्रम से सब अभिलेखों को लिख दिया गया है ¦
अथ वे अभिक्षेस बचे जिनमें न तो तिथि थी ओर न किसी शासक या
प्रसिद्ध व्यक्ति का नाम | उनमें से अनेक ज्राह्मो तथा गुप्त लिपि के हैं, यह
निर्विबाद रूप से कद्दा जा सकता दे कि इन लिपियों का उपयोग नागरी ऊ पूर्व
होता था, अतः पहले जाद्यी तथा रात्र क्विपि वाले अभिलेखों को लिया गया |
मोटे रूप से यह कट् सकते है कि सत्रा अशोक से लेकर पिछले गुप्तों तक के
समय के ये अभिलेख है ।
शेष अमिलेखों में से केवल २५ को मैंने इस सूचो में संग्राह्य समझा |
उन्हें जिलों और प्राप्ति-स्थानों के अकारादि क्रम से रखा गया है। इस प्रकार इस
सूची में ७५५० अभिलेख हैं ।
यहौँ एक बात सृचित कर देना उपयोगी होगा । संवत् १९० से संवत्
२००० विं तक के ग्वालियर-पुरातत्व विभाग की सूचियों में कुल अभिलेखों की
संख्या २१४० है। इनके अतिरिक्त प्रायः ४० अभिलेख ऐसे भी हैं ज्ञिनकी सूचना
अन्य स्रोतों से मिल्ली है। फिर भी इस सूची में केवल ७५० अभिलेख होने के
दो कारण हैं । एक तो उक्त सूचियों म॑ अभिलेख दोहरायें गये हैं, दूसरे कुछ
ऐेसे अभिलेख भो सम्मिल्षित हैं. जिनकी पूरी जानकारी नहीं मिज्ञी ओर जिनका
किसी प्रकार का महत्व नहीं है। इन सबको निकाल कर ही यह सूची बनी है ।
इस सूची की सबसे बड़ी त्रुटि यह दे कि में सब अभिलेख यां उनका पाठ
स्वय॑ नहीं देख सका हैँ। यह कार्य तभी पूर्ण हो सकेगा जब कि प्रायः सभी
अभिलेखों के प्रामाणिक पाठ भी प्रकाशित क्वि जा सकंगे । ग्वालियर पुरातस्व
विभाग के उत्साही अधिकारियों के होते यह कार्य असंभव नहीं है |
अंत में छट् परिशिष्ट दिये गये हैं। पहले परिशिष्ट में अभिलेखों के प्राप्ति
त्थान अकारादि कम से दिये गये हैं। इन स्थानों पर किस किस क्रम-संख्या के
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