धर्म कथा संग्रह | Dharma - Katha - Sangrah
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जितेन्द्र भगवान के १-गर्म, २-जन्म, ३-तप, ४-ज्ञान, ६-मोक्ष,
(निर्वाण) इन पांचों कल्याणकों का जोप, पूजन विधि «विधान
चलता रहा |
4 गभं कल्याणक চি
८ फ़रवरी को भगवान का गर्म में आना, इन्द्र
द्वारा कुबेर को अयोध्या की सुन्दर रचना करने का श्रादेश
देना, रत्नवृष्टि, इन्द्र दरबार, अयोध्यों में महाराज नाभिराय
का दरवार, सौधर्म इन्द्र का अपने इन्द्र मंडल सहित महाराजा
नाभिराय के दरबार में आगमन । भगवान की माता की
सेवा के लिए देवियों की नियुक्ति करना, माता द्वारा रांत्रि को
१६ खप्नं दशंन शादि की मनोहारी भाषया ग्रस्तुय की गई।
।-1-1 जत्म कल्यास्क ।-।-।
, & फरवरी को ग्रातः भगवान का जन्म होना, सौधर्म इन्द्र
का ऐराप्रत हाथी पर आरूढ़ होकर श्रयोध्या नगरी की
प्रदक्षिणा देना, इन्द्राणी का माता मरूदेवी के प्रस्तुति ग्रह में
जाकर मायमयी शिशु माता के पास रख कर भगवान বীনা
से लाकर इन्द्र को देना, तत्पश्चात बड़ी धूमधाम से पांडक
शिकला पर ले जाकर १००८ कलशों से आनन्द पविभोर- दोकर
ताण्डव नृत्य करना। ; `
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