भगवान राम | BhagwanRam

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BhagwanRam by मोतीलाल जालान - Motilal Jalan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्छ भगवान राम भाग १ वा जा गा जता पा पाला पामा मा नगरमें उत्सोंकी धूम मच गयी । दूसरे दिन दुदामीकों छोटी रानी कैकेयीजीको भी कौसल्याजीके समान ही नीले रंगके सुन्दर पुत्रकी प्राप्ति हुई और फिर सुमित्राजीको गोरे रंगके अत्यन्त सुन्दर दो जुड़ें पुत्र हुए । नामकरणके समय महर्षि चसि्जीने माता कौसल्याके लाठाका नाम श्रीराम रखा । श्रीकेकेयीजीके पुत्रका नाम भरत और _ सुमित्राजीके बड़े कुमारका नाम लक्ष्मण तथा छोटे कुसारका नाम शतुष्न रखा । सौमी तिथि मधु मास पुनीता । छुकछ पच्छ असिजित दरिप्रीता || दसरथ पुत्र जन्म सुनि काना | मानदूँ .. ब्रह्मानंद. तमाना ॥ कैकयपुता . छुमित्रा . दोऊ । छुंदर छुत जनमत मैं ओऊ ॥ जो आनंद सिंधु सुख रासी । सीकर तें. त्रेलोक छुपासी ॥ सो छुख घाम राम अस नामा | अखिल लोक दायक विश्रामा ॥ बिज्नलभएन पोषन कर जोई । ताकर नाम भरत अस दो जाके छुमिरन तें रिपु नासा । नाम. सनुघन चेद प्रकास छच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार | गुरु बसि्ट तेहिं रखा लछ्ित नाम उदार ॥




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