गुरुकल | Gurukul
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.92 MB
कुल पष्ठ :
272
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र गुरुकुछ तोड़ मरोढ़ उखाड़ पछाड़े बड़े बड़े बडे अज्मड़ । अज्झड़ दब्द में विशारू भारी और सघन तीनों अर्थों का समावेश है । इसलिए वह झाड़ों के विशेषण के लिए लेखक को बहुत ही उपयुक्त मालूम पड़ा । ऊपर सम घरने के सम्बन्ध में छिखा जा चुका है । एक दुसरो पंक्ति और सुनिए-- रपट पड़े की हर गडज्जा में समिट सकता है क्या उपहास ? रपट पढे की इरगड़ा एक कहावत है जो इस ओर प्रसड्ञानुसार कही जाती है । मालूम नहीं और कहीं इसका प्रचार है या नहीं । किसी ढंग से अपनी कमजोरी छिपाने के सम्बन्ध में इसका प्रयोग शेता है । एक जन फिसल कर अचानक पानी में गिर पड़ा । दूसरे देखने वाले कहीं हसी न कर यह सोचकर इरगड़ा-- इर हरे गड़ा कह कर वह स्ान करने का अभिनय करने लगा । किन्तु लोग कब चूकने वाले थे ? कई उठे--अजी यह तो रिपट पड़े की इरगड़ा है ।
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