ध्वनि संप्रदाय और उनके सिद्धांत भाग - 1 | Dhwani Sampradya Aur Uske Sidhant Part 1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( रद ) जखण्ड बुद्धिवादियों का मत--उनका खण्डन--लर्थापच्ति प्रमाण सौर तथा | नवम पारिच्छेद बतुमानवादी छोर व्यंजना अनुमानवादी महिम भट--व्यक्तिषिवेक--व्यक्तिविवेककार का ससय--- व्यक्तिविवेक का प्रमाण का स्पषप्टी करण --व्यासिसंबंध--- परायानुमान के पंचावयव वाक्य--ब्यासि के तीन प्रकार--पक्ष, सपक्ष तथा विंपक्ष-हंस्वाभास--पांच प्रकार के देस्वासास--महिम भट्ट सौर प्रतीयमान सथ--सदहिस के द्वारा “ध्वनि” की परिभाषा का खण्डन--महिम भट्ट के मत से अथ क॑ दा प्रकार वाच्य तथा मनुमेय--महिम भट्ट में वदतोब्याघात--+ काव्यानुमिति--लक्ष्याथ तथा तात्पर्याथ भी मनुमेय--महिम के द्वारा अनुमान के अंतगत ध्वनि के उदाहरणों का समावेश, उनमें देस्वाभासलिद्धि--सहिम के मत में प्रतीयमान रसादि के सनुमापक हेतु, इनकी हेत्वाभासता-- उपसंह्ार । दशम परिच्छेद व्यंजना तथा सादित्यशास्त्र से इतर झाचायें व्यंजना. की स्थापना--वेयाकरण सौर व्यंजना, भतृ' हरि तथा कोण्ड भट्द--नागेथ के मत से व्यंजना की परिमाषा व स्वरूप--व्यंजना की आावइय- कता--ननव्य नेयायिकों का परिचय--गदाघर आर व्यंजना--जगदीश और व्यंजना--उपसंह्ार । एकादश परिच्छेद काव्य की ऋसोॉटी--ब्यंजना काव्य को परिभाषा में व्यंग्य का संकेत--भिन्न सिन्न छोगों के सत में काव्य की भिन्न भिन्न भात्सा ( कसौंटी )--पाइ्चात्यों के सतमें काव्य की कसौटी--काव्य-को टि-निधारण--मम्मट का मत--विश्वनाथ का अप्पयदीक्षित का मत--जगन्नाय पंडितराज का काव्य“ उचम काव्यू--मध्यम काव्य--मघम काव्य--कोटिनिर्धारण का तारतम्य-« इसारा वर्गीकरण--पं० रामचन्द्र झुक्ल का अभिधघावादी मत---उपसंहार |




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