भिखारी से भगवान | Bhikari Se Bhagwan

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Book Image : भिखारी से भगवान  - Bhikari Se Bhagwan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बुराइयों से रिक्षा & यद काहपनिक सत्व-ज्ञान एक अमुपयोगी सहारा है, भौर एक दी क्षण में बह आदशे का रतेंभ्र, जिस पर भक्त वर्षो মী আন प्रयतो का ज्नदय रखता आया है, हृटफर उसके पैरों के नीचे झा जाता है । तो क्या दुःख शौर शोक से बचने शा कोई मागं ही नहीं ? क्या कोई ऐसा उपाय ही नहीं, जिसके द्वारा वुराइयों की ज्जीर धोड़ी जा सके? क्या स्थायी सुख, अनंत शांति तथा सुरक्षित सिद्धि केवल झपिवेकमय स्वम् हैं ? नहीं, एक मार्ग ই পিউ बतलाने में सुमे आनंद होता है, भीर जशिक्षके द्वारा दुरशाइयों का सर्वनाश किया ज्ञा सकता है । एक साधन है, जिसझे द्वारा दुःख, दरिद्वता, रोग तथा प्रतिकूल परिस्थितियों को म भगार एेसी जग भेज सकते हैं, जहाँ सेवे कमी शौर नद्यं सक्ते । एक देसी प्रणाली ह, जिसके द्वारा स्थायी संपत्नता फी प्राप्ति हो। सफती है, और उसी के द्वारा आपदा के पुनः आक्रमण की भाशंका भी मिटाई ज्ञा सकती ६। नव सथा सभग शांति और सुल छी माति पथा श्रनुभव के लिये भी एक अभ्याप्त है। और, जिस समय शापफो बुरादयों शी वास्तयिकता का टीक ज्ञान हो ज्ञायया, उसी समय भाप उस धानंददायी अनुभव ক মাল के एक परे पर पहुँच जायेंगे । घुराई को शुराई ने मानना या उसकी उप्रेचा सथा भ्वहेलना करना ही पर्मास नहीं । उसको समझने की भी झावश्यकता है । ईंरवर से भाथना करना कि पद्द चअवादधित श्वा अप्रिय भ्रवस्या को नष्ट कर दे, काफ़ों नहीं । आपको यह भी जानना चादिए कि उसके अस्तित्व के कारण क्या हैं, भौर उससे आपको क्या शिक्षा মিল सकती है। জিন সসীরী উ আাঘ অঙ্কই हुए हैं, उन पर হাঁ पीसने, उनको फोसने धौर सुरो दतल्नाने से फोट शाम नष्टो । भापको यद जानना चाहिए फि भाप क्‍यों भौर केसे देंधे हैं । हसल्षिये भापको अपने से $




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