धरा ये चन्दन सदृश शीतल राहें | Dhara Ye Chandan Sadrish Sheetal Rahen
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
101
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वसुन्धरा कल्याणी
हिमगिरि के उत्तुंग शिखर से,
सागर की लहरों से, नभ रो,
गूँजे अभिनव बाणी,
मातृभूमि तू. भेन्मभूमि तू
वसुन्धरा कल्छणी |
दे मातभूमि बन्दन।
दे जन्मभूमि वन्दन]
वोह पसारे पर्वत माला,
चरण पखारे सागर,
पवन बुहारे देहरी देहरी,
गाये नटवर नागर |
गाँव गाँव है नन्दन नन्दन,
माटी चन्दन, चन्दन |
हे मातुभूमि वन्दन ।
हे जन्मभूमि वन्दन |
शिला समय की कहे कहानी,
चरण--चिह बलिदानी |
झुके नहीं हैं शीश हमारे
' जाने दुनिया सारी
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