होमियोपैथिक चिकित्सा सार | Homeopathic Chikitsa Sar
श्रेणी : स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
33.09 MB
कुल पष्ठ :
971
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संदात्मा हनिमन सादय की जीवनी 1 3 का उसी प्रसार परीक्षा करण हनिमन सादय की घारणा निश्वय हू दि नोराग से कार सबने फरने के शरीर में जा लचणु समुह उत्पन्न होते हैं यदि चही लक्तण- युक्त कोड पीड़ा किसी को होय ना बह पीड़ा उसी छौपधि द्वारा दुर हंसी औीर यारी होसियोपैथिक तरीका या र्यास बदन हैं | बच सम सम के उप निर्भर शोरुर देनिमन साहेब ने फिर नाल करना थार फर दिये ठौर उसमें उनको भी प्राप्ति हु । ई० में ये एक. दीसियोपधिक पत्रिका निकाले ८१८ 5०. में दोसियेपेधिक झरगेनन वा दसून टोमियोपिथिक नामक पुस्तर लिखे १८१९ ६० में चिट होमियोपेधिव-मेपज-विधान . यचनाया | का श्रमोध शुण देख कर वहुत से एल/पथिय चिक्त्सिक हंनिमन साहब के शिप्य हुए परन्तु चहुत सं चिकित्सक उनके येरी भी हो गये । उन बरियों की दुए चार्टनाइयोंसि देनिमन सादवका अपना देशमी परित्याग करना पड़ा । ६८२१३० में वे फ्रान्स चले गये श्र वहां पर अपना काव्य आरम्भ किये। थोड़े ही दिनों मे उनको कीचि फल गई छोर समस्त सम्य देशा में उनका नाम विख्याद ट्वो गया ।
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