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Urdu Hindi Shabdkosh by मुहम्मद मुस्तफा खां 'मुद्दई' - Muhammad Mustafa Khan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सक्क; डर अपकर («८#) अ पु-दे 'अकूअक' । अव॑कार (95.2) अ पु -वनस्पति, हि जडी-बूटी । अक्कार (6) अ पु-कृषक, किसान, कुपकार, कुओं खोदनेवाला । ही अक्कालः: («'४) अ वि-बहुत ही अधिक खानेवाला, बहुत बडा पेटू, अतिभोजी, अमिताहारी । अक्काल (८४1) अ वि -बहुत खानेवाला, बहुभक्षी । अवकास (०) अ वि -छापाकार, फोटोग्राफर, चित्रकार, अक्स उतारनेवाला । अवकासी (, ८) अ स्त्री-छापाकमे, फोटोग्राफी, चित्रकारी, अक्स उतारना, प्रतिलिपि, नकल, नकल । अक्च, (४51) तु पु -सोने-चाँदी का छोटा टुकडा । अदंज़ब (०-51) अ वि -बहुत बडा झूठा, बहुत बडा पापी । अक्ज्ञा (0८31) अ वि -बहुत बडा हुक्म देनेवाला, बहुत बडा काम करनेवाला । अफ्ज्िय: (०७-०1) अ पु -'कजा' का बहु , आज्ञाएँ, हुवम । अक्ता' अ वि -जिसके हाथ कटे हो। अकताअ (2151) भ पु -'कत्‌अ' का बहु , जागीरें, परगने, प्रदेश, इलाके । अक्ताब (--*.८51) अ पु -“कुत्ब' का बहु , वडे-बडे महात्मा और बली । अक्तार (9531) अ पु-'कब्र ' का बहु, बूँदे, वहु , किनारे । अक्तार (95) अ पु-'कुत्' अथवा 'कतुर' का बहु, किनारे, शिकारियो की ठाहे। अषद (७5.०) अ.पु -विवाह, पाणिग्रहण, ब्याह, ग्रथि, गॉठ, वचन, प्रतिज्ञा, अहृद, निकाह । अपदर ()०5]) अ वि -बहुत गंदला, बहुत मेला । “कुत्र का अक्दस अ वि -बहुत पवित्र, बहुत पाक, बहुत “ प्रतिष्ठित, बहुत बुजुर्ग, बहुत कल्याणकारी । अक्दहू (/०.) अ वि -बहुत खराब, निकृष्टतम, बहुत अधिक व्यग भौर कटाक्ष करनेवाला, बहुत दुषित । अक्दाम अ पु -कदम का बहु , बहुत से पाँव, चरण- समूह । नि अददाहू (०3) अ पु-'कदह' का बहु पियाले । अवदे अनामिल (, |» 352) अ पु -उंगलियो पर हिसाब लगाने की एक विधि) अवदे नमकी (| »#£-+* ७2.०) अ फा पु-'मुताअ' शीयों की वह विवाह-पद्धति, जो थोड़े समय के लिए होती है। अबदे रवाँ (5; ) थे फा पु-दे 'अक्दे नमकी' । अक्दे सानी (_- ०2०) अ पु-दूसरा ब्याह पुरनविवाहु । अवनान (,.॥ 5) अ पु-'किन' का बहु पढें, आडे। अवनाफ (51) अ पु-'कन्फ' का बहु, किनारे, छोर; दिदाएँ, सिम्ते, त्राण-स्थान, पनाहगाहे । अवनूँ (..)*51) फा अब्य०-दृढ, इस समय । अक्फर अ वि -बहुत बडा काफिर, बहुत बडा नास्तिक, बहुत बडा विधर्मी । अदफा (05) अ पु-'कुपव' का बहु , बहुत से गोत्र, बहुत से खानदान । अक्फा (८४1) अ वि -बहुत काफी, बहुत पर्याप्त । अवफाल अ पु-'कुफल' का बहु , ताले । अक्ब (-..«) अ वि -किसी के पीछे आना, अनुगमन, अनुसरण । अकबर (;]) अ घि -महानु, अजीम, सबसे बडा, (पु ) एक सुपसिद्ध मुगल सम्राट्। अव्वल (31) अ वि -बहुत काबिल, बडा विद्वान, भेगा, जिसे एक की दो चीजे दिखाई देती हो । अवबह (£-*5]) अ वि -निकृष्टतम, बहुत खराब । अक्वाद (७-5) अ पु -'कबिद' का बहु , जिगर । अक्मल (51) अ वि -बहुत कामिल, पूर्णतम, सर्वाज्ध- पूर्ण । अवमाम (5) अ पु-आस्तीने, बीजों के ऊपर के मिलाफ। अविमदा (०४-51) अ पु-'कुमाश' का बहु , कपडे, वस्त्र- समूह । अक्याक्त (, #31) अ पु -प्रतिष्ठित जन, बडे लोग, पूज्य व्यक्ति, बुजुर्ग लोग । अक्याल (,॥#5]) अ पु -'कल' का बहु , नाज आदि नापने के पैमाने । अक्र (8४) अ पु-वॉझपन, अनपत्थ दोष । (&८अ) अ वि -गजा, खल्वाट। अक्रब (51) अ वि-बहुत करीब, समीपतम, अति निकट । अन्रव (०-5) अ पु-बिच्छू, वृद्चिक, अछि, वृद्चिक राशि, वुर्जे अक्रव । अक्रबी (८) अ वि-विच्छू से सवबध रखनेवाला, (प्‌ ) पदुमराग अर्थात्‌ लाल का एक प्रकार, मणि विज्ञेष, बदखशा के लाल सुप्रसिद्ध हूं । अकम («/921) अ वि -अति दानी, वदान्य, बहुत बडा सखी, अनि प्रतिष्ठित बडा बुजुर्ग । अकाद (251) अ पु -किरद ' का बहु , बदरों की टोली, बहुत-से बदर ।




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