सत्य संगीत | Satya Sangiit
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
143
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about दरबारीलाल सत्यभक्त - Darbarilal Satyabhakt
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)¢ | सत्य संगीत
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तेरए प्यार
मेने चाहा तेरा प्यार
इसीलिय तेरे चरणों को ढूँढ फिश संसार ॥ मेन ॥
मन्दिर, मसजिद, गिरजा घर में
ब्रन, उपवनमें, डगर डगर में
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फिरा, प्रा सका न लेकिन तेरा कहीं निशान ।
तो था सब जगह, मगर था मुझे न इतना ज्ञान |
इससे हुआ न तेरा साथ
तरी पद-रज टगी न हाथ
निज-पर सुख कुछ हाथ न आया, हुई जिन्दगी भार ।
मैंने चाहा तेरा प्यार ॥ ? ॥
টিতে
নন
मेने चाहा तया प्यार
छरोटाम। मे जन्तु ओर यह ह अनत समार ॥ मेन ॥
जगह जगह रदा हे तुझको
पर, पथ का था ज्ञान न मुझका
चिहछा चिठा धका सवदा बजा वजा कर दा
त भी हसता रहा, न बोला-र्मातर जरा टरो
तो भी रहा मान में चर
ढोंगी, कुटिछ, काल सम क्रूर
तरा झूठा नाम सुना कर चकित किया संसार ।
मैंने चाहा तेरा प्यार ॥ २ ॥
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