सत्य संगीत | Satya Sangiit

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Satya Sangiit by दरबारीलाल सत्यभक्त - Darbarilal Satyabhakt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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¢ | सत्य संगीत পরযারারারারারপরঞটপারারারিররাারারার৫ এরর ০৯৬রাবারারেপাটি ৫৫০5 এপ = सक + , काः = किक ॐ गे = अ. त [कि अ 12. ` ¬ त 2 , त ৬ ০ 1 পচাত নাচাতে) তা ডগা ৬০ এত আপ পিক चाय तेरए प्यार मेने चाहा तेरा प्यार इसीलिय तेरे चरणों को ढूँढ फिश संसार ॥ मेन ॥ मन्दिर, मसजिद, गिरजा घर में ब्रन, उपवनमें, डगर डगर में १} ( प्‌ फिरा, प्रा सका न लेकिन तेरा कहीं निशान । तो था सब जगह, मगर था मुझे न इतना ज्ञान | इससे हुआ न तेरा साथ तरी पद-रज टगी न हाथ निज-पर सुख कुछ हाथ न आया, हुई जिन्दगी भार । मैंने चाहा तेरा प्यार ॥ ? ॥ টিতে নন मेने चाहा तया प्यार छरोटाम। मे जन्तु ओर यह ह अनत समार ॥ मेन ॥ जगह जगह रदा हे तुझको पर, पथ का था ज्ञान न मुझका चिहछा चिठा धका सवदा बजा वजा कर दा त भी हसता रहा, न बोला-र्मातर जरा टरो तो भी रहा मान में चर ढोंगी, कुटिछ, काल सम क्रूर तरा झूठा नाम सुना कर चकित किया संसार । मैंने चाहा तेरा प्यार ॥ २ ॥




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