फूल और पत्थर | Phul Aur Patthar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अखवारी ज्योतिषी
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जब से हिन्दुस्तानी राजाओं को पेन्शन मिली, राज-ज्योतिषियों और
नाचने बालियो का माव मन्दा पड़ गया । इससे पहले नाचने वालियों और
विशेषकर राज-ज्योतिषियों की रियासतों में बड़ी पूछु थी। राजा लीग इन्दं
सिर-आँखों पर बिठाते थे, और रेशमी चिलमन (परदा) की शरोर से महा-
रानिर्योँ इन्दं श्रपने हाथ दिलाती थी-
वे नरम ओर नाजुक हाथ जिनकी
सुडोल और कोणाकार अँगुलियों पर
नीलम, पुखराज, याकूत (माणिक)
और लाल बदख्शाँ चमकते ये।
एक बार बचपन में मेंने भी अपना
हाथ एक राज-ज्योतिषी को दिखाया -
था। राज-ज्योतिषी ने मेरा हाथ देखकर হা খা“ बालक बड़ा शानी
होगा ।? और मैंने राज-ज्योतिषी की मोटी तोंद, उसकी रेशमी अरचकन और
सोने के बटन देखकर सोचा था कि बड़ा होकर यदि में ज्ञानी हुआ तो इस
राज-ज्योतिषी की तरह ज्ञान-ध्यान हासिल करूँगा, वरना जीने का कुछ मजा
नहीं है ।
अब में रेलवे में क्लक हूँ ओर मेरा सारा ध्यान-ज्ञान इसी में खन्रे
होता हे कि किस तरह पुरानी फालो को हुः महीने तक दबाये रखूँ ओर
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