सुवर्णभूमि में कालकाचार्या | Suvarnbhumi Men Kalkacharya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
569
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खुवर्णभूमि में कालकाचार्य ५८९
ग्रीक-लाटिन ग्रन्थकार सी सुवर्शमूमि, स॒वर्णहीप का उल्लेख करते हैं। क्रिसी (४०5४ जिरखका
र्थ सुवर्णं होता है) द्वीप का, पोम्पोनिश्वस मेल (ई० स॒० ४१-५४) সমন 10৩ 02010215015 ক
उल्लेख करता दै] प्लिनी, रेलिमी वरद ग्रन्थकारों के बयानों म, और पेरिप्लस में भी, इसका उल्लेख है।
टोलेमी सिफ क्रिसी-हीप के चज्ञाय 000,५७ (1०7८ (सुबर्ण भूमि) और (४्राउ5९७ 010650105585 (खवर-
द्वीपकल्प) का निर्देश करता है।
अरवी ग्रन्थकारों के पिछले बयानों को यही विम्तारभय से छोड़ देंगे। किन्तु इन सब साक्षियों की
विस्तृत समीक्षा के बाद डाक्टर रमेशचन्द्र मजुमदार ने जो लिखा है वही देख लें। आप लिखते ई--
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