नीरज व्यक्तित्व और कृतित्व | Neeraj Viyaktatav Aur Krititav

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Neeraj Viyaktatav Aur Krititav by डॉ. सुधा सक्सेना - Dr. Sudha Saxena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सब होते हुए भी श्राज के तयाकथित श्रालोचक उन्हें मात्र कवि सम्मेलनी कवि कहकर उनसे उनका प्राप्य छीनने की कोशिश करते रहे हैं--श्राज भी कर रहे हैं । लेकिन वह जन-मानस में गहरे से गहरे प्रवेश होते जा रहे हैं । उनके प्रति जो इतनी धूल उछाली गई है उसका कारण केवल उनके दाब्दों में यही है 2 पर यही श्रपराघ में हर बार करता हूं । श्रादमो हूँ श्रादमी से प्यार करता हूं ॥ तथा दोषी है तो बस इतनी ही दोषी है मेरी तरुणाई । श्रपनी उमर 'घटा कर मेंने हर श्रांस्‌ की उमर बढ़ाई ॥। च्य श्रौर कृतित्व




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