रसीलै राज रा गीत | Raseelai Raj Ra Geet

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Raseelai Raj Ra Geet by नारायण सिंह भाटी - Narayan Singh Bhati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रसीलेराज रा गीत श्रानत रह उण सूरतडी री रही तन मन मे छाय ৭ मत्री জঙ্গী सुकनी जोतसी यार हाथ न च्पाय।३ उवौ कोई জী मिलावे सया जो मारूडी देवे सिछाय ॥४ राग -श्रासावरी ताल - होरी रौ म्हारी वाईजी रो काई छे हवाल राजिद चाले छे चाकरी1 जे कोई वदले जावे वांढौ* उवा नें दया मुलकर माल॥ १ वैरण हु रही छै या चाकरी ज्यू सोक्डली रौ साल ॥२ कस्या कमर कितनीक वार रा राखा दावण भाल ॥ ३ वह्यो वह्याँ जावे छे यो जियरी साहब हाथ समा ॥ ४ राग ~ श्रसावरी ताल - होरी रो महारी मार्डों रमे छे सिकार सधन वन भंगरा अलबेलियों । हाथ वदूक लपेटे जागो कमर केसी तरवार ॥ १ सईया। ग्वहालौ। ग्खवैनेम । *दियरौग ! कस्या ।




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