हिल्लोल | Hillol
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
115
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिल्लोल -« कै ++
मेरे पावन, मेरे पनीत
जब नैश प्रकृति के अचल में
मुसका उठते हो मंद-मंद्
हो जाता है क्षण-भर मुखरित
मेरा अलसित जीवन अमंद,
करते हो आँख-मिचोनी सी
टग-द्वार खोल, कर पुनः बंद
जज उठता है निष्पद पड़ी, मेरी बीणा का विरह-गीत
मेरे पावन, मेरे पुनीत।
जब सज सुक्ता-मालाश्रां से
कर उठते हो मिलमिल-मिलमिल
चांदी के सक्ष्म-सितारों-सी
रश्मियां विस्त रिलमिल-रिलमिल
करते हो कुद्द संकेत मात्र
अगणशित हृ॒ग-सेनों से हिलमिल,
जग-सा जाता है क्षण-भर को विस्म्रति में सोया-सा अतीत,
मेरे पावन, मेरे पुनीत ।
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