सफलता की कुंजी | The Secret Of Success
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ६ )
आप के सामने रख रहा है। अपनी सारी बुद्धि श्रोर विवेक
इसके समभने में लगा दीजिये तव आप फे मालूम होगा कि
इसमें कैसे. केते जोहर भरे हुये हैं; प्रत्येक काप्ये में इसके
अनुस्तरण से कितनी अधिक सफलता प्राप्त होती देश्चोर
मनुष्य मात्र को इसके अनुसार चलना कितना आवश्यक है।
सफलता की कुनी के कई भेद हैं ओर इसकी प्राप्ति के
बहुत से साथन हैं । इन साथनों में से हम एक एक को लेंगे
'ओर बतलायेंगे कि इनकी मीमांसा हिन्दू धर्म शब्जों में किस
अकार की गई है।
सफलता का पाहला साधन
| ष्क {| 9३
৯ प 8९६ सभी जानते है कि लगातार अध्यवसाय
টু ही सफलता की कंंजी है भर काम में
3 जुते रहना ही सफलता का पहिला
১ ২28৫ হাতল है। आलसी मनुष्य को सांसा-
रकि भगडं के कारण जीवन भार हो जाता हे । वह जीवित
रही नहीं सक्ता श्रव्यं मर जायगा । प्रयः लोग कद मेऽ हैं
वि खगातार परिश्रम ओर निर्मेल, निराकार पवित्र झ्रात्मा में
क्या सम्बन्ध है, क्या वेदान्त त्याग और शांति का उपदेश
देकर इमें आलती नहीं बनाता नहीं यह बिल्कुल ग़लत है।
लोगों ने त्याग के अर्थ के नहों समझा ग्रही कारण -हैकि वे
ऐसी ऐसी बिना सिर पैर की शंकायें किया करते हैं।
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