केपलर | Kepler
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
103
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी अपने नये प्राध्या-
पक को दोषी नहीं ठहराया । अपनी रिपोर्ट में उन्होंने
कहा कि गणित पढ़ना सभी आदमियों के बस की बात
नहीं है, इसलिए केपलर की कक्षा में यदि कोई विद्यार्थी
न आये तो इसमें केपलर का कोई दोष नहीं । विश्व-
विद्यालय ते उनका वेतन कायम रखने के लिए उन्हे
लेटिन काव्य पढ़ाने की सलाह दी | लेकिन उनको जो
तनखाह मिलती थी वह उनकी जीविका के लिए पर्याप्त
नहीं थी ।
अतः ग्राट्ज में केपलर ने वाधिक-पंचांग बनाना
शुरू किया और फलित-ज्योतिष की भविष्य-पत्रिकाएं
भी तैयार करने लगे । वास्तव मे फलित-ज्योत्तिष में
उनका अपना कोई विश्वास नहीं था। फलित-ज्योतिष
को वे गणित-ज्योतिष की 'सौतेली पुत्री, भयानक
अन्धविश्वास' और 'बन्दरों का खेल' ही समझते थे ।
उन्होंने कहा था, “फलित-ज्योतिष एक गधे की तरह
है । जो आदमी गणित-ज्योतिष में रुचि रखता है और
जिसका मस्तिष्क गणित की गणनाओं का अभ्यस्त होता
है वह जब फलित-ज्योतिष से सामना करता है तो
उसी तरह् भड़ जाता है जिस तरह एक गधा ! पिटाई
करने पर ही वह् कु आगे बढ़ सकता है !”
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