केपलर | Kepler

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Kepler by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी अपने नये प्राध्या- पक को दोषी नहीं ठहराया । अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि गणित पढ़ना सभी आदमियों के बस की बात नहीं है, इसलिए केपलर की कक्षा में यदि कोई विद्यार्थी न आये तो इसमें केपलर का कोई दोष नहीं । विश्व- विद्यालय ते उनका वेतन कायम रखने के लिए उन्हे लेटिन काव्य पढ़ाने की सलाह दी | लेकिन उनको जो तनखाह मिलती थी वह उनकी जीविका के लिए पर्याप्त नहीं थी । अतः ग्राट्ज में केपलर ने वाधिक-पंचांग बनाना शुरू किया और फलित-ज्योतिष की भविष्य-पत्रिकाएं भी तैयार करने लगे । वास्तव मे फलित-ज्योत्तिष में उनका अपना कोई विश्वास नहीं था। फलित-ज्योतिष को वे गणित-ज्योतिष की 'सौतेली पुत्री, भयानक अन्धविश्वास' और 'बन्दरों का खेल' ही समझते थे । उन्होंने कहा था, “फलित-ज्योतिष एक गधे की तरह है । जो आदमी गणित-ज्योतिष में रुचि रखता है और जिसका मस्तिष्क गणित की गणनाओं का अभ्यस्त होता है वह जब फलित-ज्योतिष से सामना करता है तो उसी तरह्‌ भड़ जाता है जिस तरह एक गधा ! पिटाई करने पर ही वह्‌ कु आगे बढ़ सकता है !” १७




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