भारत में अंग्रेजी राज पहली जिल्द | Bharat Mein Angreji Raaj (Pehli Jild)

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Bharat Mein Angreji Raaj (Pehli Jild) by सुन्दरलाल - Sundarlal

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भारत के स्वाधीनता आंदोलन के अनेक पक्ष थे। हिंसा और अहिंसा के  साथ कुछ लोग देश तथा विदेश में पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जन जागरण भी कर रहे थे। अंग्रेज इन सबको अपने लिए खतरनाक मानते थे।

26 सितम्बर, 1886 को खतौली (जिला मुजफ्फरनगर, उ.प्र.) में सुंदरलाल नामक एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया। खतौली में गंगा नहर के किनारे बिजली और सिंचाई विभाग के कर्मचारी रहते हैं। इनके पिता श्री तोताराम श्रीवास्तव उन दिनों वहां उच्च सरकारी पद पर थे। उनके परिवार में प्रायः सभी लोग अच्छी सरकारी नौकरियों में थे।

मुजफ्फरनगर से हाईस्कूल करने के बाद सुंदरलाल जी प्रयाग के प्रसिद्ध म्योर कालिज में पढ़ने गये। वहां क्रांतिकारियो

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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~ कान्त म गनत पय सुची पुस्तक प्रवेश लेखक की कठिनाइयां इतिहास कला--हतिहास लेखक की कहिनाइथां--सरकारी काराज्ञों में मू४-इतिहास से शू की इच मिसालें---भार्तीय मर्तं पर शठे कलंक---किराप्‌ के लेखक---हमारे इतिहास के सस } प्रष्ठ ५-२३ वे और हम 4७वीं सद्दी का इंगलिस्तान--उस ससय के भारत से तुलना-- इंंगलिब्तान को सभ्य बनाने की कोशिशें--इंगलिस्तान भ्ौर भारत की टक्कर--अंगरेज़ी राज क़ायम होने के तरीक्नी--स्पेन्सर के विच्यर--पुस्तक का आर ২ पृष्ठ २३-४४ पुराने हमले आस्त पर अंगरेज्ञों से पहले के हमले--आरबों छा हमला--भारन की उत्तर पच्छिमी सीमा--सिकलदर से पहले के हेमसे--सिकन्दर का हमला-- यूनानियों का भारत में बस जाना--शक और हु क्रौमों के हसले--इन कौंसों का इस देश में बस जाना--इनके अन्य देशों पर हसले--नयूरोप पर एशियाई जातियों के हमलें---इन हमलों से यूरोप की बरचाढ़ी । पष्ठ धथ




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