अनुशासन एवं राज्य कर्मचारी | Anushasan Evam Rajya Karmchari
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
266
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नियम 2 ]
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अनुशासन एव राज्य कमेचारी [5
(3) वह प्राधिकारी जिसने सरकारी कर्मचारी को ऐसो सेवा, श्रेणी या पद,
यथास्थिति, पर नियुक्त किया था, या
जहा सरकारी कर्मचारी किसी अन्य सेवा का स्थायी सदस्य होते हुये या
अधिष्ठायी रूप से कोई अन्य स्थायी पद धारण करते हुये निरतर
सरकार के नियोजन मे (सरकारी सेश मे) रहा है वहा वह प्राधिकारी
जिसने उसे उस सेवा मे या उस सेवा की किसी श्रेणी मे मा उस पद
पर नियुक्त किया था ६
परतु जहा सरकार ने या विभागाव्यक्ष ने किसी अधीनस्थ प्राधिकारी
कौ अपनी शक्तिया सौंप दी हो तो नियम 23 (2) (क) (ख) के प्रयोजनो के
लिये सम्बधित व्भिगाव्यक्ष ही नियुक्ति प्राधिकारी होगा ।
आयोग! से राजस्थान लोक सेवा आयोग अ्रभिप्रेत है,
किसी सरकारी कर्मचारी पर शास्ति लगाने के सवध में 'अनुशासनिक
प्राधिकारी” से ऐसा प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इन नियमो के अधीन उस पर
ऐसी शास्ति लगाने के लिए सक्षम हो,
रा पत्र! से राजस्थान राज पत्र अभिप्रेत है,
'सरकार' से राजस्थान सरकार अभिप्रेत है,
“सरकारी कर्मचारी से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जो कसी सेवा व् सदस्य है
अ्रथवा राजस्थान सरकार के अधीन कोई सिविल पद धारण क्ये हुए है भर
उसमे ऐसा कोई भी व्यक्ति सम्मिलित है जो “बाहरी सेवा” में है भ्रथवा
जिसकी सेवाय अस्थायो रुप से किसी स्थानीय या भ्न्य प्राधिकारी के प्रधीन
रख दो गई हो ओर क़िस्ती स्थानीय या श्रन्य प्राधिकारी की सेवा का वह
व्यक्ति भी जिसकी सैवाय अस्थायी रूप से राजस्थान सरवार के श्रधीन रख
दी गई हैं श्रथवा जो तिसी सविदा के अ्रतर्गंत राजस्थान सरबवार की सेवा में
है, श्रथवा जो प्रन्य कही से सरकारी सेवा से निवृत्त हो चुका है और राज-
स्थान सरकार के अधीन पु्ननियोजित कर लिया गया है, परतु इसमे ऐसा
व्यक्ति सम्मिलित नही होगा जो सघ सरकार अथवा किसी राज्य सरकार की
सिविल सेवा मे है और राजस्थान मे प्रतिनियुक्ति पर, सेवा कर रहा है वह
उन्ही नियमों से शासित होता रहेगा जो उस पर लागू हो,
ऐसे किसी विभाग के सम्बंध में जो सरकार के प्रशासनिक्र नियत्रण मे है,
विभागाव्यक्ष' से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जिसे अनुमूची 'क' में विभागा-
ध्यक्ष विनिरदिष्ट क्रिया गया है, और उसमे वह विभागीय जांच ब्रायुक्तभी
सम्मिलित है जिसे सरवार द्वारा विभिन्न विभागों के सम्बध मे 50/- तथा
5 राशि के यवन के मामलों में जाच करने का बाय सौपा
या है,
प्रत्येक ऐसे कार्यालय के सम्यध् में जो सरकार वे प्रशासनिक नियत्रण से हैः
पवार्यानियाध्यक्ष' से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जिसे अनसची 'स' में क््यर्यो-
चन
(4
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