वीर कविता | Veer Kavita

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Veer Kavita by धर्मेन्द्रनाथ शास्त्री - Dharmendranath shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मालिक मोहम्मद जायसी मि मलिक मोहम्मद फे जन्म तथा निधन काल कै सन्वन्ध में निश्चित रूप से कुछ भी नदीं कहा जा सक्ता । तथापि उनका रचनाकाल सन्‌ १५२७ माना जाता है 1 इसका अभिप्राय यही है कि इसा की सोलदवीं सदी के पूर्व भाग में उनका काल रक्खाजा सक्ता है ! वह सम्भवतः गाङ्गीपुर से शकर रायबरेली ज़िले के जायस नामक कसवे मे रहने लगे थे, इसी से उन्हे जायसीः कह जाने लगा । उनका बचपन बड़ी दरिद्रतामे वीता। जञ वह सात ही बरस के थे, तभी उनकी माना का देहान्त हो गया । पिता का देहान्त पहले ही हा चुका था | बालक मुहम्मद को भी चेचक निकल आई ओर লনা रही। अनाथ होकर वे साधुसन्तों के साथ रहने लगे । छोटी ही उम्र मे वे इशान आर योग दी बहुत सी बात सीख गये ।




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