दानवीर माणिकचन्द्र | Daanveer Manikchandra

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Book Image : दानवीर माणिकचन्द्र  - Daanveer Manikchandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(११) चार वृषसे इस चरित्रकों पहनेके लिये पारा मैन समान लालायित हो रहा था और बहुत समयसे अनेक आईर भी आ गये थे परन्तु तेयार होनेमें कई कारणोंसे विरेब हो गया इसलिये बाठकोंसे हम क्षमौप्रार्थी हे तथा इसमें जो कुछ पुटि मादस पह उसकी सूचना हमको अवश्य देवें क्योंकि यदि इस जीवनचरित्रकी विशेष मांग होगी तो इसकी दूसरी आवृत्ति निकारनेका भी हमारा, पूर्ण विचार है| इति शुभम्‌ | वीर्‌ सं० २४४९ ) पौष वदी ३ गुरूवार | जैन जातिसेवक-- ता० २६-१२-१८ सूलचन्द्‌ किसनदास सुरत, 1 कापडिया




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