समर्थ गुरु रामदास | Samarth Guru Ramdas
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
753 KB
कुल पष्ठ :
38
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समर्थं रामदास १३
के शिष्य गाँव-गांव और घर-धरमें गाने लगे थे,
५दास बोध” में उन्होंने गढ़ धार्मिक सिद्धान्तोंकी
व्याख्या की है।
दिष्य--पर गुरुजी, उनका कौनसा काम
अधिक प्रभावशाली था, जिसके कारण वे सारे
महाराष्ट्रमें ऐसे सर्वेप्रिय बन गये ?
गुरु--लोगॉपर अधिक प्रभाव तो उनके
प्रचार-कार्यका पड़ा, क्योंकि महाराष्ट्रके छझगभग
सभी प्रधान केन्द्रोंमें उन्होंने एक-एक मठ स्थापित
करके, उनमें अपने एक-एक सुशिक्षित शिष्य रख
दिये थे। इस ढंगसे सारे महाराष्ट्रमें इनके
प्रचार-कार्यदा जालसा बिछ गया। क्योंकि सारे
महाराष्ट्रमें इन्होंने ऐसी १४० भरें स्थापित की थीं ।
शिव्य--इन मठोंमें उनके शिष्य छोग क्या
करते थे १
गुङ--ये दलमानजीकी सुकतिकी पूजा-जचैना
करते, पासके गांबोंसे वारी-वारी . भिक्षा मग
लाते और दिन-रातमें केवर एक वार कुछ -
भोजन करके लोगोंको उपदेश .देते थे। प्रत्येक
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