नये चीन | Naya Chin

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विना किसी संकोच कै सोना उगलने घाली चीन की घरती एक नई ओंगड़ाई ले रही है । उसके हजारों वर्ष पुराने जीवन में फिर तया घसन्त आया है | यह पुस्तक इस परिवर्तन के संघर्ष की छोटी सी फह्दानी है। इसमें सेरी अपनी देन छुछ भी नहीं है। जो कुछ चीन के बह्दादुर ओर देशभक्त लोगों ने गत सौ वर्षों में किया है उसे मेंने अपनी समभ और ईमानदारी से हिन्दी के पाठकों के सम्मुख रखने की चेष्टा की है, मुमे गये है राष्ट्र भाषा में इस-विषय पर प्रथम पुस्तक लिखने का । जव चीनी मुक्ति सेना के सदा विजयी जनरल लिनपियाव के नेषत्व मे श्राज से दो व पूरे उयांग कांई शेक और उसके आगका ट्रमेन की भँचूरिया में पराजय हरी रही थी मैंने इस घुस्तक को लिखने का इशादा फिया लेकिन छुछ लिख नहीं पाया । फाग्रेस राज्य के जेंलखाने में शंघाई की मुक्ति पर यह पुस्तक प्रारंभ हृद पौर नका तीन घटा चार्‌ भाग वी प्रथम ` धार समाप्त हुआ। मित्रों क्षी उदासीनता के फारण षष्ठ श्मावश्यरू पाठय सामग्री न मिलने पर यष्ट पुश्ठक वों पूरी नदी हो सी । जेल भुक्त ' होवे पर पृजीवादी কাম আক ५ के ~




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