बृहत् कल्पसूत्रम् | Brihat Kalpa Sutra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
448
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥ अहम् ॥
प्नसगिकः निकेद्क् ।
निर्युक्ति-भाष्य-वृत्तिसहित बृहत्कल्पसूत्रना आ अगाड असे त्रण विभाग प्रसिद्ध करी
चूक्या छीए । आजे एनो चतुर्थ विभाग प्रसिद्ध करवामां आबे छे । पहेला त्रण विभागमां
पहेलो उद्देश समाप्त थयो छे अने आ विभागमां बीजो-त्रीजो उद्देश पूर्ण थाय छे। आ
विभागनी समाप्ति साथे नियुक्ति-भाष्य-ब्ृत्तिसहित बृहत्कल्पसूत्रनी मनाती ४२६०० ख्होक-
संख्या पकी ३३८२५ शोक सुधीनों अंश समाप्त थाय छे। आ प्रमाण अमे
अमारी नोंध अजुसार जणावीए छीए | नियुक्ति-भाष्य-वृत्तियुक्त बृहत्कल्पसूत्रनी जुदी
जुदी प्रतोमां अन्थाग्रं०नी नौँध अति अस्तव्यस्त होई एने आधारे विवेक करी आपेली
अमारी प्न्थभ्रमाणनी संख्या सर्वधा वास्तविक दोवामादे अमे भार मूकता नथी ते छतां
अमे एटलु भारपूर्वक कहीए छीए के अमे प्रन्थाप्रंण्नी नष पवा मादे अतिघणी
काजी अने चोकसाई् रखेली छे ।
पहेलां प्रसिद्ध करवामां आवेला त्रण विभागना संशोधनमां जे जे हस्तलिखित प्रतिओनो
उपयोग करवामां आव्यो छे ते बधीओनो परिचय अमे ते ते विभागना “प्रासंगिक
निवेदन वगेरेमां आप्यो छे । प्रस्तुत चतुर्थ विभागना संशोधनमाँ, ठृतीय विभागना
“प्रासब्लिक निवेदन मां जणावेल द्वितीयखंडनी सात प्रतिओ उपरांत तेज भंडारमांनी
त० प्रति सिवायनी तृतीयखंडनी छ प्रतिओनो पण अमे उपयोग कर्यों छे; जेमनो परिचय
आ नीचे आपवामां आते छ ।
तलीयखं डनी परतिओ
१-२ डे० प्रति अने कां० प्रति--आ षन्ेय प्रतिओनो परिचय आ पहदेलां
प्रकाशित थइ चूकेला विभागोमां संपूर्णणणे अपाइ गयेर होवाथी आने अंगे अमारे
अहीं कशु ज केवानु रहेतुं नथी ।
रे भा० प्रति--आ प्रति पाटण-भाभाना पाडामांना विमछना ज्ञानभंडारनी छे ।
एनां पानां २२९ छे । दरेक पानामां पूठीदीठ १८-९९ लीटीओ छखेली छे अने
द्रेक लीटीमां 2० थी ४७ अक्षरों छे । प्रतिनी लंबाई ११॥ इंचनी अने पहोछाई ४।।
इंचनी छे । मतिना अंतमां नीचे प्रमाणेनी, प्रस्तुत प्रति जेना उपरधी लखाई छे तेना
নার तेम ज प्रस्तुत प्रतिना कुखनार-रखावनारनी पुष्पिका छे--
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