प्राचीन भारतीय आर्थिक विचारक | Prachin Bharatiya Arthika Vicharak

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Prachin Bharatiya Arthika Vicharak by अच्युतानन्द धिल्डीयान -Achyutanand Dhildiyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३ विषय पृष्ठ संख्या १८. घर्म ओर अधर्म किसे कहते है ३१३ १९, अर्थ प्राप्ति में बुद्धि और उद्योग का महत्त्व ३१४ २०, अर्थ को कौन प्राप्त कर सकता है ३१५ २१, 'ह्वास और क्षय की परिभाषा ३१६ षष्ठ अध्याय--प्राचोॉंच भारतीय और पाइचात्य आथिक विचारकों का एक तुलनात्मक अध्ययन १. प्राचीन भारतीय और पादइचात्य दृष्टिकोण ३१९ २. एडमस्मिथ भौर उसका श्रम का सिद्धान्त ३२३ ३ मात्थस् और उसका जनसंख्या का सिद्धान्त ३३० ४. जनसंख्या वृद्धि ओर प्राचीन भारतीय आधिक विचारक ३३२ ५, डेविड रिकार्डो का वितरण और लगान ब्रा सिद्धान्त ३३८ ६, रिकार्डो का वितरण का सिद्धान्त २३९ ७, रिकार्डों का लगान का सिद्धान्त | ३४२ ८, सिसमाण्डी २४२ ९, कार्ल मार्क्स ३४५ १०. कीन्स और उसका पूर्ण रोजगार ३४८-३५६




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