पैतीसबोल विवरण | Paitis Bol Vivran

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Paitis Bol Vivran by मुनि कन्तिसागर - Muni Kantisagar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पतीस चोन या योङ्न। ११ २४१ # ९२ क ` क £ আনন শাল पयाप्रद्ु) आहार पर्याप्ति १ शरीर पर्याप्ति ? इन्दिय प्रथात्ति 9 श्वासोच्छपास पर्बाति ४ मापा प्रयोत्ति 9 मन, प्रयोति ढे রর © (~ ৬ জব ২ त पय। पति किसर) कटते द | आहार शरीर आदि वर्गण। के परमाणुओ को शरीर इन्हिय आ्याडि रूप में परिणमाने की शकि की प्रणेता को पयति कलते है 1 आरहारिक चर्गणा को ग्रहण कर उसका रस चनाने फी जो शक्ति है उसफो आहार पयोपि कह्ते हू । रस फे पञ्चात्‌ न्वृन, माम, मेद, मज्ञा, श्यस्वि ओर ঘি इस भद्र सान यातुओं को पनाकर गदर के पनन वाली गदि फो शरीर पयोप्ति कर्ते ह| धातुम से रपस आर रसन आदि दुव्ेयनिदयों को घनान फी जो शक्ति ह उसे इन्दिय प्योति कहते है) নিন




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