तथागत | Tathaagat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
127
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तथागत -
ञुद्धोदन--ध म॑-प्रव तंक !
सचिव--तपस्वी, भिज्ञ !
( प्रजावती का प्रवेश )
प्रजावती--महर्पि, महषि ! यह कया कह रहे हैं आप ? माया
का पुत्र ओर भिक्ु ! माया असूतिग॒ह में ही चल জী? তা ভুল
कौण्डिन्य--( हँसते हुए ) रानी प्रजावती, मायारानी अकेली
गई; किन्तु आप अकेली नहीं जायेंगी, एक पूरा महिला-समाज
आपका अनुसरण करेगा। अच्छा, में चला महाराज !
शुद्गोदन--यह आप र्या कहे जा रहे हैं महर्षि !
कौण्डिन्य--जो लिखा हुआ है, वही । नमस्कार महामंत्री !
२
| प्रथम ऋखेट : कपिलवस्तु ॐ निकट की वनस्थली |
उदय-मारिये तीर कुमार, वह. .....
पिद्धाथ--वह् ! किधर उदयौ!
उदय--वह देखिये, वह एक मृग-छोना खड़ा है !
पिडार्ब--कितनी बड़ी-बड़ी उसकी आँखें हैं. उदयी ! इतनी
सुन्दर आँखें आदमी को क्यों नहीं दी गई' ?
उदय--भाग जायगा कुमार, भाग ! जल्दी निशाना लीजिये ।
पिद्धाथ--निशाना ? इसपर तीर ? उदयी) इच्छा होती ই,
ठप
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