साहित्य - सिद्धान्त | Sahitya Siddhant
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
409
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पण्डित सीताराम शास्त्री - Pandit Sitaram Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)निरवकाश साहित्य शास्त्र के रसिकों या जिज्ञासुओं के लिये यह
“साहित्योइं श” लिखा गया है, जिसको थे बहुत ही अव्पकाल में
पढ़ कर साहित्य शास्त्र के सव विषयों को सामान्य रुप से जान
सकते है, तथा इसके द्वारा जो उन्हे साहित्य के विषय का
ज्ञान होगा, उसकी सहायता से वे साहित्य समुद्र का खुख'
पूर्वक अवगाहन कर सकेंगे ।
साहित्य सिद्धान्त की आवश्यकता ।
यह कहा गया है, कि-- “साहित्य श” खरचित संस्कत
ग्रन्थ के संक्षि होने के कारण उसके गम्भीर पदार्थो के निरूपण
तथा स्पष्टीकरण के लिये इसकी पृथक रचना हुई है, किन्तु यही
इसका! साथक्य नहीं है, प्रत्युत यह अपनी खतन्त्र रचना से
हिन्दी में अपनी खतंत्रताको भी त्याग नहीं करता है। अर्थात्
इसकी रचना में सब प्रकार ऐसे ही रखे गये है, जिनसे हिन्दी
के अथवा संस्कृत के जानने वालो को इसके पटने के समय उक्त
मूलघ्रन्थ के देखने की कोई आवश्यकता नहीं होगी । एवम्
इस निरपेक्षता से यह भी प्रयोजन नहीं है, कि--एक अन््थ दूसरे
से गताथे या कृत प्रयोजन हो जाता है। . प्रत्युत पृथक श्रन््थों
के पढ़ने से पृथक लाभ ही है। सर्वेथा परस्पर के उपकारक
होने पर भी अपने प्रयोजन की पृथक्ता रखने में ये दोनों ही
प्रन्थ समर्थ रहे हैं , इससे हम आशा. करते हैं, क्रि--इस)
ग्रन्थ को पढ़ने वाले सज्ञव यह न समझ्ेंगे कि हम किसी परतन्वं
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