प्रयोगवादोत्तर हिंदी काव्य के व्यंग्य का स्वरुप विकास | Pryogvadottar Hindi Kavya Ke Vyangy Ka Swaroop Vikas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
36 MB
कुल पष्ठ :
516
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8.
गिलबर्द हाइट भी ' सेटायर ' शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ' सैतुरा ' से मानते
है, परन्तु उसका अर्थ परनिंदा के रूप में न करके भिन्न रूप में करते हैं -----
सेटायर का नामकरण लैटिन शब्द ' सैतुरा ' के आधार पर हुआ है, जिसका अर्थ
प्रारम्भिक तौर पर ' परिपूर्ण ' होता है । पुनः यह पूर्ण विरोधी चीजों का मिश्रण देता है ।
ऐसा लगता है कि यह भोजन सम्बन्धी शब्दावली का अंग रहा है । '
ग्रीक में प्रचलित ' सैटिर ' | 9865 | शब्द से भी इसे सम्बद्ध किया गया है,
पर अधिकांशतः इसका निषेध ही हुआ है । गिलबर्द हाइट के शब्दों में -----
इस नाम का कोई सम्बन्ध ' सैटिर ' कहे जाने वाले रोएंदार , अंशतः मानवीय,
यशतः पष्टाविक, व्यवहार भे प्रायः बकरे जैसे रूक्ष, असभ्य ग्रीक प्राणियों से नहीं है । “
'सेटायर' शब्द का सम्बन्ध ' सैटरस ' नामक विचित्र जन्तु से भी माना जाता है -
व्यंग्य | सेटायर | का नामकरण सैटरस जैसे. विचित्र जन्तु से किया गया है । लिवोन्ड्रीइनिक्स
नामक व्यक्ति ने सर्वप्रथम इसको, प्ररष्कृत करके दृश्य - काव्य के रूप में प्रस्तुत किया । यह
एक यूनानी गुलाम था । इसने नाटकों मे व्यंग्य का प्रयोग किया ।*
इस प्रकार ' सेटायर ' शब्द की उत्पत्ति एवं उसके साहित्यिक रूप के पीछे 'सैतुरा'
के परनिंदा वाले अर्थ, के साथ ही ' सर्दरस ' जैसे; विचित्र जन्तु की प्रेरणा तथा पूर्ण, विरोधी
चीजों के मिश्रण के अर्थ। में भोजन सम्बन्धी किसी शब्द के रूप में प्रयुक्त अर्थ से उसका
सम्बन्ध जोड़ा जाता है । अतः ' सेटायर ' शब्द के उद्भव के विषय में भी मतभेद है, परन्तु
इन सभीञर्थो में व्यंग्य की प्रकृति से. कुछ न कुछ साम्य अवश्य दृष्टिगत होता हैं ।
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3. हिन्दी नाट्य सहित्य मँ हास्य - व्यंग्य - डो0 सभापति मिश्र, ছু) - 36
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