भारत के स्त्रीरत्न भाग - ३ | Bharat Ke Striratna Part-iii

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : भारत के स्त्रीरत्न भाग - ३  - Bharat Ke Striratna Part-iii

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मुकुटबिहारी वर्मा - Mukut Bihari Verma

Add Infomation AboutMukut Bihari Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
महावीर-माता सती अञ्जना हष पदे करी घाते है | महेन्द्रपुर नामक नगर में महाराज महेद्धराय राज्य करते थे । हृदयसुल्दरी उनकी रानी का नाम था । उनके पुत्र तो हुए, पर कन्या कोई न थी। बड़ी मुश्किछों में, अनेक पुत्रों के बाद, ईश्वर-क्ृृपा से उनकी यह मनोकामना पूर्ण हुई | उनके यहाँ एक कन्या का जन्म हुआ | राजसी सुख-बैभव ओर लाइ-प्यार में पछी हुई इस कन्या का नाम अंजनासुन्दरी रकखा गया ओर उसके लिए ऊँचे दर्ज की शिक्षा- व्यवस्था की गई | शारीरिक सोन्दर्थ नो उसका आंखों को चॉधियाता ही था, उच्च शिक्षा के प्रताप से सदाचार का तेज भी सोने ঈমান ची तसह अश्ना सं खिल सठा। क्रमशः अजना ने यौवनं की ददी पर वाय धरण ओर माता- पिता को उसके उपयुक्त बर की पिक दूटं । कस्या मेः अनुरूप ही वर हो, यही उनकी इच्छा थी | आखिर सोच-सममभाकर सबकी सलाह से आदित्यपुर के महाराज प्रह्माद विद्याधर के पुत्र राशहुआर पदरनातव के साथ अखना के विवाह का निश्चय हुंमा ओर विवाह हो गया




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now