शाही दृश्य | Shahi Drishya

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Shahi Drishya by मक्खनलाल गुप्त - Makkhanlal Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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5427 ~ पहला भारिं কলর (१) मुग़लों का पतन मुगल बादशाहत बादशाही ज़माने में हिंदुस्तान के निश्चलिखित सूबे कहलाते थे- सरहिद, राजपूताना, शुज़रात, भालवा, बियाना, अवध, कटहर ( जिसको पीछे रूहेलखंड कहने लगे ) और अन्‍्त्वेद अथोत दुआब । दक्षिण, पंजाब और काबुल को इनमें इसलिये লনা লিলা गया कि वे स्वंदा ओर सामान्यतया राज्य में सम्मिलित नहीं श्हे। दक्तिण में ओरंगजेब के शासन के अंत के लगभग स्वाधीन मसलमानो रियासत बनी रहीं। कावुल कमी इरानियो के हाथ में आ जाता था, कभो निकल जाता था; ओर लाहौर से परे का पंजाब तो एक प्रकार से युद्ध-स्थल सा ही बना... इक था, जहाँ अफगान और सिख सदैव वादशाहत के विरुद्ध तः 1 परस्पर लड़ा करते थे |




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