मध्यप्रदेशका इतिहास और नागपुरके भोंसले | Madhyapradeshka Itihas Aur Nagpurke Bhonsle

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Book Image : मध्यप्रदेशका इतिहास और नागपुरके भोंसले  - Madhyapradeshka Itihas Aur Nagpurke Bhonsle

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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देवगदढृका राजवंदा =, ~~ ০২, ६०. चादाका राजवंश রর ५ ह ६३ सखेरछाका नरासिहराय ... न ६९. २ म्ुसलमानोंका प्रभाव ( ७० से ७४ ) नीमाड्का फरेखी-वंदा ... + ও ४ बुन्देलोंका प्रभाव ( ७५ से ७९ ) सागरके पण्डित ७९ ४ नागपुरके भोंसले ( ८० से २०५ ) भोसलछोका वंशवृक्ष ~. न ८० भोंसला वंशकोी उत्पत्ति ... भ ध ८२ परसोजी भोसल्े ১০, क व ८७. कानोजी भासे ॥ । ९० राघोजीराव भोसले---देवगढ़में प्रवेश, कनाटकपर आक्रमण, बंगालपर आक्रमण, आपसी स्पधों, नागपुर भोंसला-राजधानी, भास्करपन्तका मारा जाना, चाँदा सर करना, छत्रपति शाटका अन्तकार, बंगाङके नवाबसे सुलह, वौदा, गाविरुगद्‌ ओर नरनालापर अधिकार , बरारसे पेशवाका सम्बन्ध, नागपुर राज्यकी सीमा क ,, ९३ पै १०८ जानोजी मोसछे--आपसी झगड़े, साठ-चालीसका प्रबंध, निजामसे मित्रता, राक्षसभुवनका युद्ध, पेश- वाका आक्रमण, बंगालकी राजनीति, मांठ साहबका अमणबृन्तात ,,. १०८ से १२५. भुधोजी ओर साबाजी--र्पौचर्गोव्धी लड़ाई, मुधोजी ओर कम्पनी, गुप्त मन्त्रणा, बंगालपर विमनाबापूकी चढ़ाई, टीपूसे युद्ध, भोंसले राज्यके सम्बन्धमें मि० फारेस्टरका बृतान्त भ চি ००. १२५ तै १३९




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