मध्यप्रदेशका इतिहास और नागपुरके भोंसले | Madhyapradeshka Itihas Aur Nagpurke Bhonsle
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
238
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)देवगदढृका राजवंदा =, ~~ ০২, ६०.
चादाका राजवंश রর ५ ह ६३
सखेरछाका नरासिहराय ... न ६९.
२ म्ुसलमानोंका प्रभाव ( ७० से ७४ )
नीमाड्का फरेखी-वंदा ... + ও
४ बुन्देलोंका प्रभाव ( ७५ से ७९ )
सागरके पण्डित ७९
४ नागपुरके भोंसले ( ८० से २०५ )
भोसलछोका वंशवृक्ष ~. न ८०
भोंसला वंशकोी उत्पत्ति ... भ ध ८२
परसोजी भोसल्े ১০, क व ८७.
कानोजी भासे ॥ । ९०
राघोजीराव भोसले---देवगढ़में प्रवेश, कनाटकपर
आक्रमण, बंगालपर आक्रमण, आपसी स्पधों, नागपुर
भोंसला-राजधानी, भास्करपन्तका मारा जाना, चाँदा
सर करना, छत्रपति शाटका अन्तकार, बंगाङके
नवाबसे सुलह, वौदा, गाविरुगद् ओर नरनालापर
अधिकार , बरारसे पेशवाका सम्बन्ध, नागपुर राज्यकी
सीमा क ,, ९३ पै १०८
जानोजी मोसछे--आपसी झगड़े, साठ-चालीसका
प्रबंध, निजामसे मित्रता, राक्षसभुवनका युद्ध, पेश-
वाका आक्रमण, बंगालकी राजनीति, मांठ साहबका
अमणबृन्तात ,,. १०८ से १२५.
भुधोजी ओर साबाजी--र्पौचर्गोव्धी लड़ाई, मुधोजी
ओर कम्पनी, गुप्त मन्त्रणा, बंगालपर विमनाबापूकी
चढ़ाई, टीपूसे युद्ध, भोंसले राज्यके सम्बन्धमें मि०
फारेस्टरका बृतान्त भ চি ००. १२५ तै १३९
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