सौर - परिवार | Sour Pariwar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
815
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१४ सौर-परिवार
पू षृ
विशार ता «« १९२ । उद्काधों क्षी जातिां „ ७४
तोष ... „६९६ | इष्कान्ही .., ... ७०६
তত্ব ভাবা ফী বীজ ... ९५३ | इककाओं की सेल्या ১০ ७१०
नामकरण ......... ६६० , उद्काओं का सार ১. ७१२
केतु-समूह और केतु परिवार... ६९२ | उक्षकाओं की ऊँचाई ১০ ৩২৯
केतु-बन्दी-करण . - ६९५ | उदकाभो की बनावट, इत्यादि ७१८
पुष्डर साराधों की फोरोभराफी ६६६ | उरशा सम्पात-मूक् .. ७२२
पुण्ड विषयक सिद्धान्त ... ६६८ | उषटका-कषी की उत्पत्ति ... ७२४
पुरछ्चल ताराधों की सृह्यु ... ६७२
पुष्छुछ জি ৬ ६७८ श्मध्याय १८
के ध এ ६८० | शवा हम प्रह तक जा सक्ते है {
पुष्छुछ ताराधों से मुठभेड़... ६८१ , भ्रद्यात्रा + ... ७३७
ङ्व रेतिह्तिक केतु ... ६८३ हमारा भ्रमिप्राय ... ... ४१८
गॉडड बाण ... ১১ ७२३
अध्याय १७ बाणों के चढाने का सिद्धान्त... ७३१
জা कितनी बारूद चाहिए ७३६
उकैका 5: ~. ६३२ वी बात নন নি
साइवेरिया का भीषण रक्कापात ६६४. जियात्रा ++ ... ७३६
४,०७० . फुट का गड्ढा ... ६६७ अधिक ष्वव त भ
इतिहास क . एष्व परिशिष्ट ই উর
वैज्ञानिकों का भ्रंघविश्वास,.. ७०२ হাচ্ছকীঘ ... ... ७४२
१००,००० कदे. ,.. ७०४ श्तुक्रमशिका .. ,., ७४
সাজি
पृष्ठ ४१८, अंतिम पंक्ति यों होनी चाहिए “हैं; इनसे लौचे यूरेदस भौर
नेषच्यून हैं और नीचे बाये कोने में पृथ्वी और बुध हैं!” ।
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