हिंदी रीति-परम्परा के प्रमुख अर्चार्य | Hindi Reeti Prampara Ke Pramukh Acharya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
801
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( २१५. )
[कुलपति से पूर्व--जसवन्त्तिंद, मतिराम, और भूषण ।
कुलपति--घारणाएँ; आधार; प्रकार; चूची श्रोर क्रम;
मेद; स्वरूप--शब्दालंकार, श्र थालंकार; उपसंहार |
(३) सोमनाथ का अ्रलंकार-निरूपण
सोमनाथ से पूर्व--देव |
६८५
सोमनाथ--धा रण; यूची, मेद; स्वरूप--शब्दालकार;
श्रर्थालंकार; उपसंदार]
(४) मिखारीदास का अलकार-निरूपण
६६८
[धारणाएँ, शब्दालकार--सुची, समीक्षा, स्वरूप, चित्र
ग्रलकार, तुक, श्र्थालंकार-त गवस् ची, वर्गकिर्ण की
समीक्षा, भेद, स्वरूप : (क) सक्षिस्त निरूपण (ख) विस्तृत
निरूपण---ल्लोत, स्वरूप--निरूपण-शैली, नवीनता और
मोलिक्ता, प्रध्या, उदादर्ण, उपसंहार]
(५) प्रतापसाहि का अलंकार-निरूपण
प्रतापसाहि से पूचं--दूलद श्रौर पदुमाकर ।
७२४
प्रतापसादि-निरूपण-पद्ति, सुची; मेद; धारणा;
खोत; लेण; उपसदार]
तुलनात्मक सर्वेक्षण
एकादश अंच्याय ९ उपसहार
१ विपय-विस्तार 7
२, आधार श्र उसका उपयोग
३ पिवेचन-
(क) शैली
(ख) विपय-प्रतिपादन
४, मूल्याकन
परिशिष्ट : सहायक ग्रन्थ-प्तची
-~--9 © 9-~
७२१
७३२-७५०
७३३
७२५
७३८८
७४१
७४७
७५ १-७१५.७
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