संस्कृत - कथा साहित्य एक अध्ययन | Sanskrit Katha Sahitya Aek Adhyyana

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Sanskrit Katha Sahitya Aek Adhyyana by डॉ. मोहम्मद शरीफ़ - Dr. Mohammad Sharif

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ह।। है एस0 के0 डे के अनुपार क्या और आत्थाधिका का भेद-निस्पण रक अत्यन्त कठिन कार्थ है 11 इनका जितना भी भेंद- निरूप्ण किया गया है वह अपूण अर्ापक और संकुचित है । प्राय आख्याधिका का प्रयोग व्णैनात्मक क्या के अर्थ में कथा का प्रयग्रेग वार्तालाप कहानी आदि के अथ में किया जाता है फिर भी इनके मध्य विभाजन - रेखा अंकित करना टुगम नहीं है 1 संस्कृत में आख्याधिका अ्रजी के र्नेक- डोट को कहते हैं जिये हिन्दी में लघ्न कथा की संज्ञा से समिहित किया जाता हैं । क्या को औीजी में टेल कहते हैं जिसका मल ध्येय मुख्यतः मनोरंजन होता है 1 इन दोनो क का शिभाजन विभिन्न काछ्य- शास्त्री ट्रान्थीं में भी फिया गया है रिन्तु हस छिभेद पर विद्वानों में मतैक्य नहीं है 1 पतंजलि ॥ पार्णिनी पर 4 3 87 तृता इ। आष्ष्या- थिका में उन ग्रन्थीं के उदाहर 1 प्राप्य हैं जो उपन्याप हैं जैसे- सुमनोचरा मैमरथी । वाण अपने ग्रन्थ कादम्बरी को कथा और हर्षचरित को आ- ख्याधिका कहते हैं पंचत्र में छोटी - छोटी कहानियों को कथा कहा सलगाति सलन पल. कलवलक विनय लावा वेकको पीककिक. चल. सायक- पागददक सवधिदा चावल पलक िविधाक भाकििक फायिकक गादद वि. चायाका सवा वालो न्वलक पाया विधिक शवलिीकि पालक चाय यययाक प्रयलिक निकाय यायकाक..पिनिका.. विद चिलदाद. बैक. बैवनिक मन्यपीविद& ्यतनयकनपपतततयकद्ननननणणणकणनयक पथ या पा कीध हिस्ट्री अफ संस्कृत लिटरेचर पृ 2५5. + हिस्ट्री आफ संस्कृत लिटरेचर पृ 209 न काव्यदश 1 25-28 ध्वनिजालीक . उ-7 ५ ....... .विण्हरनित्त पूृ0 306




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