भारतीय राजस्व | Bhartiya Rajasv
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
248
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
“पार्लियामेंट का सम्दन्ध--भारत सरकार और प्रान्तीय सर-
कारां का अधिकार राजस विभाग; हिसाब और जांच
केन्द्रीय सरकार ओर प्रान्तीय सरकारों का पारस्परिक सम्बन्ध
सुधारों से पिरे की व्यवखा-- सुधार स्कीम का सिद्धान्त
विविध प्रस्ताव--भारत सरकार के घाटे की पूत्ति मेस्टन कमेटी
--प्रान्तों का कर छगाने का अधिकार---ऋण लेने का अधि--
कार--अकारू निवारण--भारतीय व्यवस्थापक विभाग-भार-
तीय व्यवस्थापक परिषदे--केन्द्रीय विषय--हस्तान्तरित विषय--
भारतीय बजट के नियम--प्रान्तीय बज्ञर के नियम--छुधार और
को क्लिटयुक्त भारतमंत्री - हाई कमिश्नर भावी सुधार कमीशन
--सिरेक् कमेरी-सुधारों कौ आलोचना-भारत सरकार का
भारत मंत्री के प्रति उत्तरदायित्व--प्रान्तों का घिचार--राज--
नैतिक शिक्षा की यंह पद्धति अच्छी नहों--प्रबन्ध कत्तों, व्यवस्था
पक परिषदों के प्रति उत्तरदायी हे।ने चाहिये। पृष्ठ ३५--६८:
पांचवां परिच्छेद; केन्द्रीय व्यय ।
सरकारी हिसाब--खरकारी आय व्यय में, व्यय का
महत्व--भारत सरकार का व्यय-मद्दठों का ब्योरा और
आलोचना-- ( १५) आय प्राप्ति का व्यय--( २ ) रेल---
रेलवे फरमेंटी की रिपोट--किफायत कमेटी का मत--( ३ )
आबपाशी--( ७ ) डाक ओर तार--किफायत कमेटी का मत--
(५ ) सावंजनिक ऋण का सूद--( ६) सविर शासन-
किफ़ायत कमेरी का मत-({9) मुद्रा, टकसाल, ओर विनिमय--
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