भारतीय राजस्व | Bhartiya Rajasv

Bhartiya Rajasv by भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) “पार्लियामेंट का सम्दन्ध--भारत सरकार और प्रान्तीय सर- कारां का अधिकार राजस विभाग; हिसाब और जांच केन्द्रीय सरकार ओर प्रान्तीय सरकारों का पारस्परिक सम्बन्ध सुधारों से पिरे की व्यवखा-- सुधार स्कीम का सिद्धान्त विविध प्रस्ताव--भारत सरकार के घाटे की पूत्ति मेस्टन कमेटी --प्रान्तों का कर छगाने का अधिकार---ऋण लेने का अधि-- कार--अकारू निवारण--भारतीय व्यवस्थापक विभाग-भार- तीय व्यवस्थापक परिषदे--केन्द्रीय विषय--हस्तान्तरित विषय-- भारतीय बजट के नियम--प्रान्तीय बज्ञर के नियम--छुधार और को क्लिटयुक्त भारतमंत्री - हाई कमिश्नर भावी सुधार कमीशन --सिरेक्‌ कमेरी-सुधारों कौ आलोचना-भारत सरकार का भारत मंत्री के प्रति उत्तरदायित्व--प्रान्तों का घिचार--राज-- नैतिक शिक्षा की यंह पद्धति अच्छी नहों--प्रबन्ध कत्तों, व्यवस्था पक परिषदों के प्रति उत्तरदायी हे।ने चाहिये। पृष्ठ ३५--६८: पांचवां परिच्छेद; केन्द्रीय व्यय । सरकारी हिसाब--खरकारी आय व्यय में, व्यय का महत्व--भारत सरकार का व्यय-मद्दठों का ब्योरा और आलोचना-- ( १५) आय प्राप्ति का व्यय--( २ ) रेल--- रेलवे फरमेंटी की रिपोट--किफायत कमेटी का मत--( ३ ) आबपाशी--( ७ ) डाक ओर तार--किफायत कमेटी का मत-- (५ ) सावंजनिक ऋण का सूद--( ६) सविर शासन- किफ़ायत कमेरी का मत-({9) मुद्रा, टकसाल, ओर विनिमय--




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