हमारा देश वैदिक भारत | Hamara Desh Vaidik Bharat

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Book Image : हमारा देश वैदिक  भारत  - Hamara Desh Vaidik Bharat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हमारा देश निम्न कोटि के देवताओं को श्वपना लेने पर भी झ्ार्य विचारकों ने विवेकशक्ति किसी भी हालत में नहीं की थी । उन सब विश्वासों, मतों तया देवताथों को उन्होंने एक स्वव्यापी मद्दानशक्ति के दी रहते देसा था । उनके श्यनुसार--'इछ लोग श्पना ईइवर पानी में पाते हैं, दूसरे स्वर्ग में देखते, शरीर 'डु लोग सासारिक चस्तुशों में हँदते हैं, पर चुद्धिमान सच्चे ईइवर को, जिसकी महानता सर्वत्र व्याप्त है, 'श्यात्मा में ही पाते हैं । * उन श्रायो की थह विवेक- पूर्ण बुद्धि ही निम्न सास्कृतिक स्तर पर की जातियों को उपर खींच लाने में सफल हुई थी तथा “मंत्रों से तंत्र पर उतर जाने पर भी उनका श्पना सांस्कृतिक विकास का रास्ता रुका नहीं था घत्कि उस श्लोर उनके 'प्रसर होने की गति तेज ही होती गई थी 1 १ थी भगवान दास के “बैदिक धर्म ” मे ऐसे बहुत से उदाहरण दिये गये हैं ।




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